-हे गे…!! जहिया सऽ हम तोरा देख्लियौ मोन तऽ होईय तोरे देखिते रहु, कोन रोग लाईग गेलैए से नै जानी …!!
-तो त पत्रकार छे , अपने पता लगा तोरा कि भेलौसे…!!
-नै हम जो…!! तुहि कह कैला एना होईय से…!!
-तऽ सुन बौवा ई आखिँके रोग छौ..!!
-सत्ते…!! तब अबैछियौ तोहर आन्हरा अस्पताल….!!
हमरा ईलाज करिदिहे ….!! एहन चश्मा हमरा दिहे कि ओई चस्मा लगाक हम दिन राती तोरे देखि …!!
-चुप मुझौसा तोरा देहमे एको मिसिया डर नए होईत छौ कि..??
-(हँसैत ) हाँ हाँ हाँ हाँ …!! हे गे हमर डाक्टरनी मैडम…!! डर …!! उहो तोरासे …??
-चुप बतहबा….!!
-हैट …!! तोहर बात सुनिक हमर दिल, आरो जोरसऽ धक धक धक धडकऽ लागैए । मोन होईए तोरास बात करिते रहि …!! कोनो उपचार तऽ कह हमर डाक्टरनी ।
-सुन बौवा तोरा आखिँके रोग छौ आ दिलके सहो। ओपरेसन कर पडतौ….!!
-(माथ खौझाबैत ) छि छि ..!! ओपरेसन…!!
-हाँ ..!! तोहर आखी डैमेज भगेल छौ आ दिल सहो…!!
-त कि कर पडतै …? कह ने…??
-तोहर आखिँ निकालीकऽ नलामे फेक पडतै आ दिलके अचार बनाक ठेलामे धऽ टोले टोल घुमिक बेच पडतै …!!
-(डेराईते) हे गै बतहिया हम तऽ मजाक करैत छलियौ तो तऽ ऽछोट छोट बात दिलपऽ ललैत छे….!!
-हाँ रौ मुझौसा सब बुझैत छियौ …!!
रचना
गायत्री सिंह
२०७७/०६/२४